आगे बढ़ते जाना है |
गिरगिट क्या, हमने तो इंसानो को रंग बदलते देखा है , आसमानो से लहराते बदलो को जाते देखा है | पर तुमको आगे बढ़ते जान है क्यूंकि हार की बाद हमने जीत को आते देखा है बेरंगीन तस्वीरो के रंग हमने निकलते देखा है और बेरंग तस्वीरो को …
गिरगिट क्या, हमने तो इंसानो को रंग बदलते देखा है , आसमानो से लहराते बदलो को जाते देखा है | पर तुमको आगे बढ़ते जान है क्यूंकि हार की बाद हमने जीत को आते देखा है बेरंगीन तस्वीरो के रंग हमने निकलते देखा है और बेरंग तस्वीरो को …
राधा रानी का आशीर्वाद श्रीकृष्ण चरण रज परमप्रसाद आह्लादित मन वृंदावन बस सुरेंद्र नमन हरि:हर एक स्वास धर्मेन्द्र धरण कर शिव महिमा गुंजन मन बोले नमः शिवाय मुरुगणस्वामी या दामोदर मिले विघ्न हरण का शरण प्रसाद हो शेषनाग व्यापि में मन रावणवधकर्ता में स्नेहिल अनुराग …
क्यों भटकते हो बाहर ,कभी खुद को तो जानो हे विधाता की रचना ,स्वयं को तो मानो सुना है, अहं ब्रह्मास्मि ,शक्ति की पूरक हे शक्ति संचयकर्ता,रीति की नीति मानो कृष्ण ने कर्म को ,धर्म से श्रेष्ठ बोला राम मर्यादित थे ,शब्द है ब्रह्म बोला शब्द को …
अरे जब भष्मीभूत होना तो फिर गुमान किये हैं क्यो छोड़कर सब जाना तुझको तो फिर अभिमान किये है क्यों लगाया तन पर चंदन है मगर मन मैल भरा पापी भटक मंदिर मस्जिद या चर्च मिले भगवान तुझे फिर क्यों दोहरी जीवन जीने में लगाए खूब …
काश ! जाति और धर्म, छोड़कर मानवता की बातें होती घर की लक्ष्मी होती सुरक्षित कोई बेबस बहन न रोती कितने निर्लज्ज हुए हम हैं जो बलात्कार पर राजनीति है सामान्य ,दलित में उलझे हम हैं क्यों न्याय पर होती नहीं बहस है जब बहन निर्भया …
चलो हम मुहब्बत का मजहब बनायें अंधेरे घरों में भी दीपक जलाएं चलो हम मुहब्बत का मजहब बनाएं न काफिर हो कोई,विधर्मी कहे ना मनः भाव में कोई कटुता रहे ना रहे भाव वसुधा हो सम्पन्न मेरा विधाता की रचना ,नमन करके आयें चलो हम मुहब्बत का मजहब बनाएं हो …
जो भाई भरत की चाह रखो,तो मर्यादित श्री राम बनोजो मान धर्म का रखना है,तोहरिश्चन्द्र सा महान बनो यदि दान की चाहत है दिल मे,तोसीख कर्ण से ले डालोयदि लगन सीखने की तुझमें तो,एकलव्य का तीर कमान बनो गंगा की निर्मल धारा बन,कल कल निनाद तो होने देमन पावन कर,धर …
सत्य परेशां हो सकता हैपर कभी पराजित हो भी क्योंसत्य सताया जा सकता हैपर कभी हार ये माने क्यों सत्य में है स्वावलंबनसत्य में ही ब्रह्म हैसत्य में गौरव छिपा हैसत्य में अवलंब है सत्य में ही न्याय हैसत्य ही सर्वस्व धनसत्य स्वयम्भू ब्रह्म निर्मितसत्य रखता स्वस्थ मन सत्य वीर …
निर्गुण भजन हे साधो चिंता चिता समान हे साधो चिंता चिता समान राम नाम का सुमिरन कर ले त्यागहु तम अभिमान हे साधो चिंता चिता समान पंचतत्व मिली बनी है शरीरा जा पर तोहे गुमान, रे साधो जा पर तोहे गुमान चार जनि तोहे पहुंचा दैंहिमरते ही शमशान हे साधो …
यूं लगा मानोसहस्त्रों युग बीत गएआंखें पथरा गई हैंअश्रु धार सुख गएपुनः जन्म इस कुटुंब में हो आश कर मन शांत हैपर हृदय की वेदना मेदेख ले ये टूट गई हैउम्मीदें अब छूट गई हैं किस को बोलें मौन हूं बसदेख ले आ दिल की धड़कनवो तेरा बचपन , …